-एस.पी. चोपड़ा.
नई दिल्लीः पिछले दिनों दूरदर्शन ने अपनी डी जी दीपा चंद्रा की अगुवाई में एक अनूठी पहल करते हुए आंचलिक विषयो और लोककलाओं पर आधारित पाँच नाटको की श्रृंखला के नाट्योत्सव का
सफल आयोजन किया .हर शनिवार की शाम एक नाटक जा मंचन किया जाता हैं , इसी कड़ी में आंचलिक कथाओं के मूर्घन्य रचनाकार फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी पंचलैट उर्फ़ "गैसबत्ती" का सफल मंचन दूरदर्शन दिल्ली के स्टूडियो में किया गया इस कहानी का नाट्य रूपांतरण प्रसिद्ध रंगनिर्देशक
रंजीत कपूर जी ने किया इस नाटक की खास बात यह रही है कि इसमें रोहित पूजा रिज़वाना अभिलाषा आनंद गौरव और शबेनूर जैसे योवाओ के साथ- साथ कई वरिष्ठ रंगकर्मियों जैसे कैलाश चौहान आलोक शुक्ला और किशोर पन्त जैसे कई लोगो ने अपने अभिनय से नाटक की आंचलिक पृष्ठभूमि को खचाखच भरे दर्शको के बीच जीवित कर दिया , इस नाटक का कुशल निर्देशन BNA से प्रशिक्षण
प्राप्त दूरदर्शन में कार्यरत राजीव राज जी ने किया , अन्य महत्त्वपूर्ण
भूमिकाओं में थे शिवानी शर्मा , इमरान रजा और दूरदर्शन की पूरी तकीनीकी टीम।
इसके पूर्व जयवर्धन के नाटक "किस्सा मौजपुर का" चित्रा सिंह के निर्देशन में मनोज मिश्र के नाटक "बगिया बाछाराम की" का एस पी सिंह सेंगर के निर्देशन में और इसके बाद उर्मिल कुमार थपलियाल के लेखन एवं निर्देशन में नॉटंकी शैली के नाटक "हरिशचंन्नर की लड़ाई" का सफल मंचन किया गया इस नाट्योत्सव का समापन प्रो. सतीश आनंद के निर्देशन में बादल सरकार के नाटक बल्लभपुर की रूपकथा से होगा , सभी नाटको को 15 दिसम्बर के बाद दूरदर्शन में दिखाया जाएगा।
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