- एस.पी. चोपड़ा
नई दिल्ली। व्यक्ति के संस्कारों का जीवन से कितना गहरा सम्बन्ध होता है, इसे अभिनव दूबे के ‘इनसाइड आऊट द आर्ट स्केप’ और शिल्पों में देखा जा सकता है। इनके शिल्पों की विशेषता बार-बार विविध रूपों में प्रकट होती है। इनकी आकृतियां कलाकार को आत्म दर्शन कराती हैं तो कभी देश-दुनिया से मुक्ति बोध कराती हंै। नित्य नये माध्यमों में नया कुछ रचने की चाहत इनकी रचनाओं को एक उर्जा प्रदान करती है।
ललित कला आकादेमी में लगी अभिनव दूबे की आर्ट एग्जिवीशन के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि अभिनव दूबे की यह प्रदर्शनी बहुत खास है। मैं शुरू से ही यह जानता हूं, बल्कि मेरे मन में विश्वास है कि जब भारत की नई पीढ़ी इस तरह के कार्य करती है, तो उनका यह कार्य सराहनीय होता है। यही नहीं बल्कि युवओं को इस तरह के कार्य आगे भी करते रहना चाहिए। यह सिर्फ आर्ट एंड कल्चर नहीं है, बल्कि बहुत बड़ी इकाॅनोमिक का अवसर पर भी देती है। इस तरह की प्रदर्शनियों के माध्यम से एक बुनकर, हाथ के कारीगरों या अन्य विधाओं के कारीगरों की कलाओं या उनकी कृतियों को एक विस्तृत मंच मिलता है। मैं अभिनव को बधाई देता हूं उनकी इस क्रिएटिवी आर्ट स्केप प्रदर्शनी के लिए। वह आने वाले समय में इस क्षेत्र में बहुत बड़ा आकार लेंगें यह मेरा विश्वास है। अगर अभिनव की आर्ट स्केप पेंटिंग्स और उनके ब्रांेज स्कल्पचर की बात करें, तो ब्रांज की आकृति मुझे बहुत पसंद आईं। मैं यह कहूंगा कि यह एक प्रदर्शनी ही नहीं, बल्कि बहुत सारे शिल्पों का समन्वय है, जिसके माध्यम से दर्शक विभिन्न तरह के भावों से रू-ब-रू होते हैं।
अभिनव कल्चरल दुनिया के एक युवा हैं। वह गाना भी गाते हैं, अच्छे म्यूजिशियन भी हैं, अच्छे माॅर्डन आर्टिस्ट हैं, अच्छे मूर्तिकार हैं। यूं कहें की अभिनव जी एक मल्टी डाॅयमेंशनल व्यक्तित्व के धनी हैं।
ललित कला अकाॅदेमी मे प्रदर्शित आर्ट प्रदर्शनी के अवसर पर अभिनव दूबे बेहद प्रसन्न नजर आए। अभिनव के अनुसार मन के भावों को कैनवस और रंगों के माध्यम से प्रस्तुत करना ही आर्ट है। अभिनव का कहना है कि यहां आने वाले दर्शक और युवा मेरे द्वारा बनाई कई पेंटिंग्स और स्कल्पचर ब्रांज कृतियों को देखकर आनंदित होंगें और कहीं न कहीं इनके द्वारा उन्हें कुछ समझने और सीखने का अवसर भी मिलेगा।
अभिनव दूबे की ‘इनसाइड आऊट द आर्ट स्केप’ प्रदर्शनी को सभी दर्शक सुबह 10 से रात 8 बजे तक दिनांक 3 मार्च से 8 मार्च तक नई दिल्ली के ललित कला अकादेमी, मंडी हाऊस में देख सकते हैं।
No comments:
Post a Comment