चंडीगढ़ : आपात स्थिति में मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने वाली 108 एंबुलेंस सेवा सरकार की नीतियों के चलते बंद होने की स्थिति में पहुंच गई है। इस संबंध में 108 एंबुलेंस कर्मचारी एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार ने उनकी जायज मांगों को हर समय अनदेखा किया है, जिससे मजबूर होकर वह सख्त कदम उठाने जा रहे हैं। यूनियन के अध्यक्ष मनप्रीत सिंह निज्जर ने आज स्थानीय प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे लंबे समय से मांग कर रहे थे कि सरकार उनकी सेवाएं अपने अधीन ले, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है| उन्होंने कहा कि 2013 से उनका इंक्रीमेंट रुका हुआ है और सरकार इसके भुगतान को लेकर गंभीर नहीं है.
उन्होंने कहा कि
नियुक्ति के समय
तय हुआ था
कि 108 कर्मचारियों का ट्रांसफर
दूर दराज नहीं
किया जाएगा, लेकिन
अब सरकार कर्मचारियों
का 200 से 300 किलोमीटर ट्रांसफर
कर रही है.
जिससे उनका जीवन
आर्थिक और सामाजिक
रूप से प्रभावित
हो रहा है।
उन्होंने मांग की
कि 108 कर्मचारियों का चिकित्सा
व् दुर्घटना बीमा
कराया जाए तथा
कोविड काल में
बंद अवकाशों को
बहाल किया जाए|
उन्होंने मांग की
कि अपने हक
के लिए आवाज
उठाने वाले बर्खास्त
कर्मचारियों को बहाल
किया जाए और
एंबुलेंस चालक को
नियमानुसार 12 की जगह
8 घंटे की ड्यूटी
दी जाए.
इस मौके पर यूनियन के पक्ष में आए राष्ट्रीय भगवा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज द्वेसर व अध्यक्ष संतोक सुख व् बाल्मीक समाज के गुरु नक्षत्र नाथ ने कहा कि वे सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दे रहे हैं. अगर फिर भी सरकार ने 108 एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगें ना मानी, तो मज़बूर होकर 108 की सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। उन्होंने मांग की कि कंपनी के ठेके रद्द कर सरकार तत्काल 108 कर्मचारियों को अपने अधीन ले ताकि लोगों को आपातकालीन सहायता प्रदान करने वाले इन कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके .
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