अकाल अकादमी, बरू साहिब की टीम ने दिलरुबा, वायलिन, तार शहनाई, ताऊस, सारंगी, सितार और तबला बजाते हुए राग बसंत में "महा मह मुमरखी चढ़िया सदा बसंत" की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नामधारी संगीत अकादमी की टीम ने हारमोनियम, दिलरुबा, तानपुरा, सुरमंडल, सितार, सारंगी और तबले की मदद से राग बसंत में "गुरसेवो कर नमस्कार" की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन गुरु के लंगर से हुआ।
सिख एजुकेशनल सोसाइटी के एस. गुरदेव सिंह (अध्यक्ष), कर्नल (सेवानिवृत्त) जे.एस. बाला (सचिव), करणदीप सिंह चीमा (संयुक्त सचिव) और इंजीनियर सुरिंदर सिंह विर्दी (सदस्य, कार्यकारी समिति एसईएस और स्थानीय प्रबंध समिति) ने शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक डॉ जतिंदर कौर और संयोजकों सुश्री सुखमीन बल, डॉ सुरिंदर कौर और सुश्री लकी मल्होत्रा के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने इस तरह के एक शांतिपूर्ण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित किया। प्रिंसिपल डॉ. जतिंदर कौर ने अतिथियों और प्रतिभागी टीमों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्रों के साथ-साथ स्टाफ सदस्यों और संयोजकों के प्रयासों की भी सराहना की।
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