Saturday, 14 October 2017

पटाखा व्यापारियों के नुक्सान के बारे में भी सोचने की जरुरत - विजय गोयल

- एस.पी. चोपड़ा
नई दिल्ली: संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल से आज चांदनी चौक के पटाखा विक्रेताओं ने भेंट की और उनसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखा बिक्री में लगाए गए प्रतिबंध के बारे में चर्चा की;बताया कि इस प्रतिबंध से छोटे व्यापारियों को बहुत दुःख पहुंचा है और उन्हें इससे काफी नुक्सान का सामना करना पड़ेगा। गोयल ने कहा, "जब कोई झुग्गी तोड़ने की बात चलती है तब सबसे पहले वहां के लोगों के पुनर्वास की चिंता की जाती है। पर महज एक हफ्ते पहले पटाखों पर बैन लगा दिया गया! अगर बैन लगाना ही था तो लाइसेंस देने से पहले क्यों नहीं. फिर पिछले वर्ष जब कोर्ट ने इस विषय पर चर्चा की, तब क्यों कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया? "
गोयल ने साथ में यह भी बताया कि तथ्यों के अनुसार धूल एक मुख्या कारण है दिल्ली में प्रदूषण की बढ़ोतरी का तो फिर केवल क्यों पटाखे को ही बंद किया जा रहा है ? उन्होनें बोलै कि प्रदूषण को रोकने के लिए कभी ओड-इवन, कभी पुरानी डीजल गाड़ी पर रोक तो कभी पटाखों पर प्रतिबंध जैसे हथकंडे अपनाये जाते हैं लेकिन यह सब पूर्ण तरीके से प्रदूषण को रोकने में सक्षम नहीं है। गोयल ने दूरगामी सोच अपनाने की बात कही और कहा ऐसे शॉर्टकट किसी काम के नहीं बल्कि गरीब के पेट पर लात के सिवाय और कुछ नहीं। उच्चन्यायालय को छोटे व्यापारियों के नुक्सान के बारे में सोच कोई फैसला जरूर लेना चाहिए जिससे उनकी दिवाली काली हो।


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